सभी पलों को इस तरह एक्सेप्ट करो, जैसे वह वास्तव में है |
यह आत्म शांति का सबसे सरल तरीका है, सभी पलों से मेरा आशय प्रेजेंट मोमेंट से है, तो इस पल को स्वीकार कर लो जिसमें तुम सांस ले रहे हो |
अगर हम इस मोमेंट को एक्सेप्ट नहीं करते तो हमारी परेशानी और बढ़ जाती है, इसलिए बिना किसी बात की चिंता के इस पल को एक्सेप्ट कर लो |
शायद हो सकता है, यह पल आपके लिए बहुत ज्यादा कठिन हो, फिर भी आपको आत्म शांति के लिए इस पल को तो एक्सेप्ट करना ही पड़ेगा
आसान शब्दों में कहें तो इस पल को सरेंडर कर दो
मत सोचो कि तुम्हें अच्छा होना है, मत सोचो कि यह करना है, मत सोचो कि तुम्हें वह करना है, मत सोचो कि तुम यह चाहते हो, मत सोचो कि तुम्हें ऐसा होना चाहिए, मत सोचो कि मेरी यह परेशानी है ,मत सोचो मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, मत सोचो कि वह मुझे क्यों छोड़ गए चाहे यह आपके लाइफ की सबसे बड़ी समस्या तब भी अपने आप को अपना लो
इस क्षण को स्वीकार कर लो अगर आपके संबंधित लोगों की मृत्यु भी हो जाए तब भी बस एक्सेप्ट करके सरेंडर कर दो क्योंकि आगे या पीछे हर कोई शरीर को त्यागने वाला है |
मान लो आप किसी ट्रैफिक में फस गए, तो बिना किसी पर reaction के, इस पल को स्वीकार लो
क्योंकि जो है सो है, जैसा है वैसा है |
वास्तव में हमें दुख इसलिए होता है, क्योंकि हमारी past कंडीशनिंग ऐसी है, कि कुछ हो जाने पर हमें लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था |
हम हर चीज को दो हिस्सों में विभाजित कर सकते हैं, एक जिनको हम कंट्रोल कर सकते हैं दूसरी वह जो जिनको हम कंट्रोल नहीं कर सकते |
मैं आपको सजेस्ट करूंगा कि आप उन चीजों की लिस्ट बनाएं जिसे आप कंट्रोल कर सकते हैं और दूसरी भेजने आप कंट्रोल नहीं कर सकते |
वे चीजें जो हमारे कंट्रोल से बाहर है जैसे कि नेचुरल डेथ उन्हें हमें एक्सेप्ट करना चाहिए |
और दूसरी वह जिन्हें हम कंट्रोल कर सकते हैं, उन्हें कंट्रोल करके सही समय पर सही दिशा में सही एक्शन लेना चाहिए |
सही दिशा के बारे में अधिक जानने के लिए मेरे लेटेस्ट ईबुक को पढ़ें |
अवसाद और चिंता को दूर करने के लिए यह ईबुक बहुत मददगार साबित होगा।