आत्मसमर्पण
जब आप आत्मसमर्पण कर देते हैं तो अहंकारी मन उसका प्रभाव कम कर देता है, और आप जितना सोचोगे जो आपके साथ हो रहा है नहीं होना चाहिए अहंकारी मन उतना ही अधिक प्रभाव दिखाएगा |
शायद तुम्हें जो भी बुरे विचार आ रहे हैं वह नहीं आना चाहिए लेकिन जैसे ही अपने यह बोला वह विचार पहले से ही आपके माइंड में आ गया |
आप इस बात को पूरी तरह नकार दे कि आपको कोई बीमारी है , क्योंकि यह कोई बीमारी नहीं है यह तो एक अवस्था है जिसका परिवर्तन किया जा सकता है |
जिस तरह बर्फ की अवस्था को पानी में बदला जा सकता है उसी तरह मन की अवस्था को भी बदला जा सकता है|
लेकिन याद रखो जिस तरह बर्फ को पानी में बदलने के लिए सूर्य का प्रकाश लगता है, उसी तरह मन की अवस्था को बदलने के लिए ज्ञान का प्रकाश लगता है |
अपने आपको पूरी तरह प्रकृति के सामने समर्पित कर दें, मानसिक पीड़ा को ठीक करने के लिए आपको इन चरणों का पालन करना होगा |
NEXT 5 : डिप्रेशन को खत्म करने का तीसरा कदम उन सब को माफ कर दें जिन्होंने आपका दिल दुखाया है |
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