मैं देखता कुछ और हूं और सोचता कुछ और हूं?
लगभग हर व्यक्ति के साथ लाइफ में ऐसा हुआ होगा.
मेरे अनुभव से बताऊं तो जब मैं डिप्रेशन में था, तो मेरे साथ अक्सर ऐसा होता था | मैं चाहे जो एक्टिविटी कर रहा हूं, लेकिन मेरे माइंड में हर समय वही विचार चल रहा था जिसका मुझे सबसे ज्यादा डर था |
वह विचार मेरे मन में कहीं न कहीं हर 5 मिनट में आ जाता था , मेरे खाते समय भी वही विचार ,मेरे कहीं जाते समय भी वही विचार, मेरे नहाते समय भी वही विचार ,टीवी देखते समय भी वही विचार आ रहा था
हर समय वही विचार आ जाता है , वह विचार मेरे मन पर हावी हो गया था, जिसके कारण में फोकस से कुछ नहीं कर पा रहा था |
जब मैं अपने एग्जाम हॉल में था, तब भी वही विचार मेरे अंदर कौन रहा था |
how to control your mind in hindi ( dimag kaise niyantrit kare ) ?
अगर हम aware हो जाएं और मन को ऑटो पायलट मोड़ पर चलने से रोक ने तो यह समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी जिसकी वजह से overthinking भी खत्म हो जाएगी और हम अपने मन पर विजय भी पा सकते हैं |