पास्ट तो सबका होता है, लेकिन कोई पास्ट को लेकर दुखी है, तो कोई अपने पास्ट में हुई घटनाओं से बहुत खुश है |
पास्ट वह पल है, जो गुजर गया है लेकिन बहुत से लोग पास्ट की घटनाओं से बहुत दुखी हैं, वह अपना पास्ट भूलना चाहते हैं |
वास्तव में वे अपना पास्ट भूलना नहीं चाहते लेकिन कुछ विशेष प्रकार की यादें हैं, जिन्हें वे भूलना चाहते हैं |
लेकिन किसी चीज को बुलाने में समस्या यह है हम जिसे जितना भूलना चाहते हैं वह उतना ही याद आता है |
कुछ लोग अपने पार्टनर की यादों से परेशान हैं, तो कुछ लोग अपनी पर्सनल समस्याओं से |
वास्तव में ज्यादा परेशानी तब आती है जब हम चाह कर भी उन विचारों को रोक नहीं पाते हैं |
लेकिन वहीं कुछ लोग याद ना रख पाने की समस्या का सामना कर रहे हैं |
लेकिन हम बात करेंगे अतीत की बुरी यादों को कैसे बुलाएं |
हम पास्ट को लेकर दुखी क्यों होते हैं?
वैसे वर्तमान में चल रही परेशानी से अगर दुखी है तो बात अलग है, क्योंकि वर्तमान की समस्या तो हर इंसान या जानवर के साथ होती है |
वास्तव में बहुत सी परेशानी ऐसी होती है जहां हमें गुस्सा होना ही पड़ता है लेकिन अगर यही गुस्सा हमें हमारे पास्ट को लेकर आ रहा है, तो यह नाजायज गुस्सा है जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है |
लेकिन अगर आपको पास्ट को लेकर गुस्सा आ रहा है, या पास्ट में आपके साथ बहुत कुछ गलत हुआ है, जिसे लेकर आप वर्तमान में दुखी हो, इसका मतलब यह है, कि लाइफ को लेकर आपकी समझ सही नहीं है |
क्योंकि जो आपके साथ हो चुका है, वह आपका पास्ट था और पास्ट खत्म हो चुका है |
इसको हम ऐसे समझ सकते हैं जैसे कि हम कोई मूवी थिएटर में देख रहे हैं और हम फिजूल में उस मूवी से इमोशनली अटैच हो कर दुखी हो रहे हैं |
इसी प्रकार हम हमारे पास्ट को लेकर भी दुखी होते हैं, जिसका हमारे वर्तमान से कोई लेना देना नहीं है |
लेकिन जब हम मूवी देखते हैं तो हमें कहीं ना कहीं पता होता है कि यह एक काल्पनिक कहानी है |
पर जब हम पास्ट को लेकर दुखी होते हैं, तब यह बात भूल जाते हैं कि मेरा पास्ट भी तो एक याद मात्र है |
जिसका आज से कोई लेना देना नहीं है सोचो क्या आज से 5 साल पहले आप ऐसे इंसान थे जो आज हो?
शायद आज से 5 साल पहले आपके विचार अलग थे, इच्छाएं अलग थी और तो और यहां तक कि आपकी शक्ल भी अलग थी |
इसका मतलब आप वह नहीं हो जो आप आज से 5 साल पहले थे |
आप तो वह हो जो हर समय हर सेकंड में मानसिक और शारीरिक रूप से बदल रहे हो लेकिन समस्या यह है कि जाने अनजाने में हम अपने आप को अपने पास्ट से फिजूल में जोड़कर दुखी होते रहते हैं |
हमारा ध्यान जहां भी जाता है, उसी तरफ हमारी उर्जा में बहने लगती है और उसी तरह का प्रभाव होने लगता है |
लेकिन जिस समय आप समझ लेते हैं और स्वीकार कर लेते हैं कि वह तो मेरा पास्ट था जो गुजर गया है उसी समय उस घटना का प्रभाव होना खत्म हो जाता है |